3 फ्रांस की क्रान्ति
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. किसने कहा था मैं ही राज्य हूँ?
Ans. लुई चौदहवाँ
2. फ्रांस की क्रांति के समय (1789) वहाँ का राजा कौन था?
Ans. लुई सोलहवाँ
3. प्रथम इस्टेट में कौन आते थे?
Ans. पादरी
4. शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत का प्रतिपादन किया?
Ans. माटेस्क्यू ने
5. रूसो ने किस सिद्धांत का प्रतिपादन किया?
Ans. जनमत(जनता की इच्छा) का
6. दि सोशल कांट्रैक्ट नामक पुस्तक के लेखक थे?
Ans. रूसो
7. बास्तिल का पतन किस दिन हुआ?
Ans. 14 जुलाई, 1789 को
8. फ्रांस में स्वतंत्रता दिवस किस तिथि को मनाया जाता है?
Ans. 14 जुलाई को
9. स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व का नारा किस क्रांति में दिया गया?
Ans. फ्रांसीसी क्रांति में
10. माटेस्क्यू द्वारा लिखित पुस्तक का नाम क्या है?
Ans. दी स्पिरिट आफ लाज
11. नेशनल असेंबली के लिए मतदान का अधिकार मिला?
Ans. सक्रिय नागरिकों को
12. 1789 की क्रांति के बाद फ्रांस में किस प्रकार की शासन व्यवस्था लागू की गई?
Ans. संवैधानिक राजतंत्र
13. फ्रांस की क्रांति को कहा जाता है?
Ans. मध्यमवर्गीय क्रांति
14. दास प्रथा अंतिम रूप से कब समाप्त हुई?
Ans. 1848
15. फ्रांसीसी क्रांति से प्रेरणा लेकर इंग्लैंड ने 1832 ई० में ऐक्ट पारित किया?
Ans. रिफार्म ऐक्ट
16. फ्रांस की राज्य क्रांति........ में हुई|
Ans. 1789
17. लुई सोलहवाँ.... में फ्रांस की गद्दी पर बैठा|
Ans. 1774
18. मेरी एंतवायनेत (लुई सोलहवाँ की महारानी)....... की राजकुमारी थी|
Ans. आस्ट्रिया
19. फ्रांस की संसद का नाम.......... था|
Ans. इस्टेट जेनरल
20. फ्रांस में कर वसूलने वाले ठीकेदार...... कहलाते थे|
Ans. टैक्स फार्मर
21. मानव एवं नागरिकों के अधिकारों की घोषणा जारी की गई................ को|
Ans. 27, अगस्त 1789
22. राब्सपियर........... दल का नेता था|
Ans. जैकोबिन
23. राष्ट्रीय सभा ने फ्रांस के लिए...... राजतंत्र की व्यवस्था की|
Ans. संवैधानिक
24. लुई सोलहवाँ को.............. को गिलोटिन पर चढ़ाया गया|
Ans. 21, जनवरी 1793
25. फ्रांस में दास प्रथा समाप्त हुई.......... में|
Ans. 1848
26. फ्रांसीसी महिलाओं को....... में मताधिकार मिला|
Ans. 1944
27. आतंक का राज्य........ में आरंभ हुआ|
Ans. 1793
सही/गलत का चयन करें|
(क) 1789 क्रांति के समय फ्रांस का राजा लुई फिलिप था|
Ans. गलत
(ख) पार्लमा एक प्रकार का न्यायालय था|
Ans. सही
(ग) रूसो ने शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत का प्रतिपादन किया|
Ans. गलत
(घ) 1791 के संविधान के अनुसार सभी स्त्री पुरूषों को मताधिकार दिया गया|
Ans. गलत
(ड़) 1801 में नेपोलियन और पोप में कौनकोरडेट हुआ था|
Ans. सही
(च) फ्रांस की क्रांति सर्वहारा वर्ग की क्रांति थी|
Ans. गलत
29. कालम 'अ' से 'ब' का मिलान करें-
(I) इस्टेट्स जेनरल (ज) प्रतिनिधि सभा
(II) बूबों राजवंश (झ) फ्रांस का राजवंश
(III) मेरी एंतवायनेत (ख)मैडम डिफिसिट
(IV) लेटर दी कैथे (क) राजाज्ञा
(V) टी थे (च)धार्मिक कर
(VI) टाइल (घ)प्रत्यक्ष कर
(VII) दिदरो (ग) विश्वकोश
(VIII) टेनिस कोर्ट की शपथ (ञ) राष्ट्रीय सभा
(IX) राब्सपियर (ड़)जैकोबिन
(X) कौनकोरडेट (छ)नेपोलियन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर-
1. फ्रांस में करों का बोझ सबसे अधिक किस पर था?
Ans. फ्रांस में करों का बोझ सबसे अधिक साधारण जनता पर था|
2. विश्वकोश के संपादक कौन थे?
Ans. विश्वकोश के संपादक दिदरो थे|
3. किसने कहा था, "सौ चूहों की अपेक्षा एक सिंह का शासन उत्तम है? "
Ans. वाल्टेयर
4. इस्टेट ्स जनरल की बैठक किस तिथि को आरंभ हुई?
Ans. 5 मई, 1789
5. सम्राट लुई सोलहवें को किस तिथि को फांसी दी गई?
Ans. 21 जनवरी, 1793
6. नेशनल असेम्बली में मताधिकार दिया?
Ans. सक्रिय नागरिकों को
7. महिला एवं नागरिक अधिकार घोषणा पत्र किसने जारी किया था?
Ans. ओलम्प दे गूज
लघु उत्तरीय प्रश्न
1:- फ्रांस की क्रांति के समय समाज कितने वर्गों में बांटा था? तीसरे वर्ग की स्थिति का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर:- समाज तीन वर्गों में बांटा था...
(1) पादरी वर्ग
(2) कुलीन वर्ग
(3) सर्वसाधारण वर्ग
सर्वसाधारण वर्ग:- सर्वसाधारण वर्ग की स्थिति बहुत खराब थी। जनसंख्या का 90% हिस्सा किसानों का था। लेकिन जमीन का 40% भाग ही उनके पास था। करों का सारा बोझ साधारण जनता पर ही था। राज्य के अतिरिक्त पादरियों और कुलिनों को भी ये कर देते थे। सामंतों को नियमित कर देने की अतिरिक्त उन्हें विशेष अवसरों पर भी कर देना पड़ता था जैसे जन्मोत्सव विवाह इत्यादि। कुलीन और चर्च कर नहीं देते थे। क्रांति के पूर्व फ्रांस की जनसंख्या तीव्र गति से वृद्धि हुई। अनाज के उत्पादन की तुलना में इसकी मांग बढ़ गई। जिससे पावरोटी जो जनसाधारण का भोजन था, उसकी कीमत में अप्रत्याशित उछाल आई।
2. फ्रांस की क्रांति में रूसो का क्या योगदान था?
रूसो फ्रांस का सबसे बड़ा दार्शनिक था। उसकी प्रमुख पुस्तकें हैं- एमिली (Emile) और दि सोशल कॉंट्रैक्ट (The Social Contract) । वह लोकतंत्रात्मक शासन-व्यवस्था का समर्थक था। अपनी पुस्तक दि सोशल कॉट्रैक्ट (1762 में प्रकाशित) में उसने जनमत (General Will) को ही सर्वशक्तिशाली माना; राज्य तो जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए ही बना था। वह वर्तमान स्थिति से असंतुष्ट था। उसका कहना था, मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है, पर वह हर जगह जंजीरों से जकड़ा है। (Man is born free but everywhere he is in chains.) रूसो ने इन जंजीरों को तोड़ फेंकने को कहा। रूसो के क्रांतिकारी विचारों ने फ्रांस में क्रांति के विस्फोट के लिए पृष्ठभूमि तैयार कर दी।
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