13. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव

  विद्युत धारा प्रवाहित हो रहे चालक के पास जब चुंबकीय सुई को लाया जाता है, तो चुंबकीय सुई विक्षेपित हो जाती है यह चालक उनसे प्रभावित हो रहा है विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र के कारण होता है इसे विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहा जाता है।

चुम्बक:

चुंबक एक विशेष गुण वाला पदार्थ होता है जो लोहे कोबाल्ट तथा निकेल को आकर्षित करता है जबकि से छड़ चुंबक को हवा में किसी धागे के सहारे लटकाया जाता है तो उसका एक सिरा उत्तर में तथा दूसरा सिरा दक्षिण दिशा में ठहरता है। 

जो सिरा दक्षिण की ओर ठहरता है, उसे दक्षिणी ध्रुव तथा जो सिरा उत्तर की ओर ठहरता है, उसे उत्तरी ध्रुव कहते हैं।

विद्युत तथा चुंबकत्व एक दूसरे से संबंधित होते हैं चुंबकत्व तथा विद्युत धारा के बीच के संबंध को सर्वप्रथम  क्रिश्चियन ओरस्टेड, जो डेनमार्क के वैज्ञानिक थे, ने 1920 में खोजा था। उनके सम्मान में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक ऑर्स्टेड रखा गया।

चुंबकीय क्षेत्र और क्षेत्र रेखाएं:-

चुंबकीय क्षेत्र किसी चुंबक के चारों ओर कवर क्षेत्र जिसमें उसके बल का अनुभव किया जा सकता है, उस चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र या मैग्नेटिक फील्ड कहलाता है।

 चुंबकीय क्षेत्र एक सदिश राशि है, क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र में दिशा तथा परिमाण दोनों होते हैं।










 क्षेत्र रेखाएं ( Field Lines):- चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र एक विशेष पैटर्न में व्यवस्थित होता है चुंबकीय क्षेत्र का यह विशेष पैटर्न क्षेत्र रेखाएं कहलाता हैं। वह  रेखा जिसके अंदर लौह चूर्ण स्वयं आकर्षित होता है। चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का निरूपण करता है।
चुंबकीय क्षेत्र तथा क्षेत्र रेखाओं के गुण:-
चुंबकीय क्षेत्र की दिशा:- 
 चुंबकीय क्षेत्र की दिशा वह मानी जाती है,  जिसके अनुदिश चुंबकीय सुई का उत्तरी ध्रुव,  उस क्षेत्र के भीतर का गमन करता है।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं चुंबक के उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा दक्षिणी ध्रुव में विलीन हो जाती हैं।

चुंबक के भीतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा उसके दक्षिणी ध्रुव से उतरी ध्रुव की ओर होती है अतः चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक बंद वक्र होती है।
दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं कहीं भी एक दूसरे को काटती नहीं  हैं।
चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता:- जहां पर चुंबकीय रेखाएं अपेक्षाकृत अधिक नजदीक होती है वहां पर चुंबकीय क्षेत्र अधिक प्रबल होता है.
क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएं ध्रुव के पास अधिक सघन होती है अतः एक चुंबक ध्रुव के पास अधिक शक्तिशाली होता है।
विद्युत चुंबक या वैद्युत चुंबक:-

जब एक चालक से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह चालक एक चुंबक की तरह ¹व्यवहार करने लगता है अतः एक विद्युत धारावाही चालक को विद्युत चुंबक या विद्युत चुंबक कहते हैं।
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